ट्रस्टियों के प्रकार: स्थायी और अस्थाई
नमस्कार!
पिछले ब्लॉग पोस्ट में, हमने चैरिटेबल ट्रस्ट के घोषणापत्र में शामिल कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि नाम, उद्देश्य, कार्यक्षेत्र, निर्माता/संस्थापक/न्यासकर्ता, ट्रस्ट का स्वरूप, लाभार्थी, ट्रस्टियों की अधिकतम संख्या, न्यासी पद से मुक्त होने के कारण और प्रक्रिया के बारे में जाना।
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में, हम ट्रस्टियों के दो मुख्य प्रकारों – स्थायी और अस्थायी – और उनकी भूमिकाओं के बारे में बात करेंगे।
घोषित करने वाला बिंदु:
ट्रस्टी के प्रकार:
ट्रस्ट के ट्रस्टी दो प्रकार के हो सकते हैं:
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स्थायी ट्रस्टी: स्थायी ट्रस्टी का कार्यकाल आजीवन होता है। इन ट्रस्टियों को आमतौर पर ट्रस्ट के निर्माता या संस्थापक द्वारा नियुक्त किया जाता है। स्थायी ट्रस्टी ट्रस्ट के दीर्घकालिक लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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अस्थाई ट्रस्टी: अस्थाई ट्रस्टी का निश्चित कार्यकाल होता है, जो आमतौर पर दो से पांच वर्ष तक होता है। इन ट्रस्टियों को स्थायी ट्रस्टियों द्वारा या ट्रस्ट के नियमों के अनुसार चुना या मनोनीत किया जाता है। अस्थाई ट्रस्टी ट्रस्ट के दैनिक कार्यों और गतिविधियों को संभालने में स्थायी ट्रस्टियों की सहायता करते हैं।
बड़े ट्रस्टों में:
कई बार ट्रस्ट का आकार बड़ा होने पर ट्रस्ट में ट्रस्टियों के मंडल के अतिरिक्त आम सभा का निर्माण किया जाता है।
ऐसी स्थिति में, आम सभा को यह अधिकार दिया जा सकता है कि वह अपने सदस्यों में से कुछ प्रतिनिधियों को (जैसा कि ट्रस्ट के नियमों में उल्लेख हो) अस्थाई ट्रस्टी के रूप में चुने।
इन प्रतिनिधियों का कार्यकाल आमतौर पर दो से तीन या पांच वर्ष का होता है, और आम सभा द्वारा समय-समय पर उनका पुन: चुनाव किया जाता है।
निष्कर्ष:
स्थायी और अस्थायी ट्रस्टी दोनों ही चैरिटेबल ट्रस्ट के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्थायी ट्रस्टी ट्रस्ट के दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जबकि अस्थाई ट्रस्टी दैनिक कार्यों को कुशलतापूर्वक चलाने में मदद करते हैं।
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके ट्रस्ट में दोनों प्रकार के ट्रस्टियों का एक अच्छा मिश्रण हो, जिनके पास आवश्यक कौशल और अनुभव हो।
अगले ब्लॉग पोस्ट में, हम चैरिटेबल ट्रस्ट की बैठकों की आवृत्ति और संचालन के बारे में जानेंगे।
यह भी देखें :-
- मुख्य पृष्ठ
- ट्रस्ट का नाम
- ट्रस्ट का पता / प्रधान कार्यालय
- ट्रस्ट की शाखाये
- ट्रस्ट का कार्यक्षेत्र
- न्यास / ट्रस्ट के निर्माता / संस्थापक / न्यासकर्ता
- न्यास / ट्रस्ट का स्वरुप
- ट्रस्ट के लाभार्थी (Beneficiary)
- ट्रस्ट के ट्रस्टी
- ट्रस्ट के उद्देश्य – objectives
- न्यास का प्रबंध / प्रबंध कारिणी समिति / मैनेजमेंट कमिटी management committee
- ट्रस्ट का वित्तीय प्रबंधन
- न्यास की सभायें (Meetings)
- साधारण सदस्य
- न्यास के अन्य नियम
- न्यास के विधान, में संशोधन, परिवर्धन एवं परविर्तन – Amendments, additions and deletion in the trust deed
- न्यास की स्थापना – Initial works of trust
- अप्रतिहस्तांतरणीय – Irrevocable clause
- न्यास का समापन (Dissolution)
- अंतिम हस्ताक्षर
- जनरल नॉलेज