न्यास की कार्य कारीणी

Nyaas ki karya karini

 

 

 

न्यास की कार्यकारिणी: एक विस्तृत विश्लेषण

नमस्कार मित्रों! आज हम न्यास की कार्यकारिणी के बारे में चर्चा करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण निकाय है जो सार्वजनिक धार्मिक न्यास के कुशल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कार्यकारिणी क्या है?

कार्यकारिणी न्यास के सदस्यों का एक निर्वाचित या नियुक्त समूह है जो न्यास के दैनिक कार्यों का प्रबंधन करता है। यह न्यास के उद्देश्यों को पूरा करने और न्यास की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होता है।

कार्यकारिणी के सदस्य कौन होते हैं?

कार्यकारिणी के सदस्यों की संख्या और उन्हें चुनने की प्रक्रिया न्यास विलेख द्वारा निर्धारित की जाती है।

सामान्यतः, कार्यकारिणी में निम्नलिखित सदस्य शामिल होते हैं:

  • अध्यक्ष: अध्यक्ष कार्यकारिणी का प्रमुख होता है और बैठकों की अध्यक्षता करता है।
  • उपाध्यक्ष: उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्य करता है।
  • सचिव: सचिव कार्यकारिणी की बैठकों का रिकॉर्ड रखता है और न्यास के दस्तावेजों को संभालता है।
  • कोषाध्यक्ष: कोषाध्यक्ष न्यास के वित्त का प्रबंधन करता है।
  • अन्य सदस्य: न्यास विलेख में निर्दिष्ट अन्य सदस्य।

कार्यकारिणी के कार्य क्या हैं?

कार्यकारिणी के कई कार्य होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • न्यास की बैठकें आयोजित करना और उनका संचालन करना: कार्यकारिणी नियमित रूप से बैठकें करती है ताकि न्यास के कार्यों पर चर्चा की जा सके और निर्णय लिए जा सकें।
  • न्यास के कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रबंधन: कार्यकारिणी न्यास के कर्मचारियों को नियुक्त करती है, उनके वेतन और भत्ते निर्धारित करती है, और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है।
  • न्यास की संपत्ति का प्रबंधन: कार्यकारिणी न्यास की संपत्ति का प्रबंधन करती है, जिसमें संपत्ति का निवेश करना, संपत्ति की मरम्मत और रखरखाव करना, और संपत्ति का बीमा कराना शामिल है।
  • न्यास के लेन-देन का पर्यवेक्षण: कार्यकारिणी न्यास के सभी लेन-देन का पर्यवेक्षण करती है और यह सुनिश्चित करती है कि वे न्यास विलेख और कानून के अनुसार किए गए हैं।
  • न्यास के वित्तीय रिकॉर्ड का रखरखाव: कार्यकारिणी न्यास के वित्तीय रिकॉर्ड रखती है और नियमित रूप से वित्तीय रिपोर्ट तैयार करती है।
  • न्यास के उद्देश्यों को पूरा करना: कार्यकारिणी न्यास के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए काम करती है।

कार्यकारिणी की बैठकें:

कार्यकारिणी की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए, जैसा कि न्यास विलेख में निर्दिष्ट है। बैठकों में, कार्यकारिणी न्यास के कार्यों पर चर्चा करती है और निर्णय लेती है।

बैठकों का रिकॉर्ड कार्यकारिणी की सचिव द्वारा रखा जाना चाहिए।

निर्णय लेने की प्रक्रिया:

कार्यकारिणी के सदस्य बहुमत से निर्णय लेते हैं।

अध्यक्ष को वोटिंग में टाई होने पर निर्णायक वोट डालने का अधिकार होता है।

कार्यकारिणी की शक्तियां:

कार्यकारिणी की शक्तियां न्यास विलेख द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

सामान्यतः, कार्यकारिणी में निम्नलिखित शक्तियां होती हैं:

  • न्यास के कर्मचारियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी करना
  • **न्यास की संप
 
 

यह भी देखें :-

  1. मुख्य पृष्ठ
  2. ट्रस्ट का नाम
  3. ट्रस्ट का  पता  / प्रधान कार्यालय
  4. ट्रस्ट की शाखाये
  5. ट्रस्ट का  कार्यक्षेत्र
  6. न्यास / ट्रस्ट के निर्माता / संस्थापक / न्यासकर्ता
  7. न्यास / ट्रस्ट का स्वरुप
  8. ट्रस्ट के लाभार्थी (Beneficiary)
  9. ट्रस्ट के ट्रस्टी
  10. ट्रस्ट के उद्देश्य – objectives
  11. न्यास का प्रबंध / प्रबंध कारिणी समिति / मैनेजमेंट कमिटी management committee
  12. ट्रस्ट का वित्तीय प्रबंधन
  13. न्यास की सभायें (Meetings)
  14. साधारण सदस्य
  15. न्यास के अन्य नियम
  16. न्यास के विधान, में संशोधन, परिवर्धन एवं परविर्तन – Amendments, additions and deletion in the trust deed
  17. न्यास की स्थापना – Initial works of trust
  18. अप्रतिहस्तांतरणीय – Irrevocable clause
  19. न्यास का समापन (Dissolution)
  20. अंतिम हस्ताक्षर
  21. जनरल नॉलेज

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