एन जी ओ सामान्यतः दो प्रकार से रजिस्टर करवाया जाता है |
- ट्रस्ट एवं
- सोसाइटी
ट्रस्ट एवं सोसाइटी निम्न अन्तर हो सकते हैं |
- सोसाइटी एवं ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन अलग अलग एक्ट के अंतर्गत होता है |
- दोनों का रजिस्ट्रेशन अलग अलग डिपार्टमेंट में होता है |
- सोसाइटी में न्यूनतम 7 सदस्य होने चाहिए और ट्रस्ट में न्यूनतम २ सदस्य होने चाहिए |
- सोसाइटी को प्रत्येक ५ वर्ष बाद RENEW करवाना होता है लेकिन ट्रस्ट का कोई रिन्यूअल नहीं होता |
- सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के लिए गवाह की आवश्यकता नहीं होती है |
- ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन हेतु 2 गवाहों की आवश्यकता होती है |
- सोसाइटी का कार्य क्षेत्र एक ही राज्य होता है | यदि वह पुरे देश में कार्य करना चाहे तो उसके लिए अलग अलग राज्यों के सदस्य होना जरूरी है | लेकिन ट्रस्ट पुरे देश में कार्य कर सकती है |
- सोसाइटी के रजिस्ट्रेशन के लिए सभी सदस्यों का परिचय पत्र आवश्यक है लेकिन ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए केवल ट्रस्ट कर्ता के परिचय पत्र की आवश्यकता है |
- सोसाइटी के रजिस्ट्रेशन के लिए MOA – मेमोरेंडम ऑफ़ एसोसिएशन एवं BYLAWAS ( नियमावली) बनाना होता है | ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए डीड ऑफ़ ट्रस्ट की आवश्यकता होती है |
- सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन चार्ज अधिक होता है | जैसे की १००००/-
- ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन चार्ज कम होता है |
- सोसाइटी में लोक तांत्रिक प्रक्रिया होती है | दो तिहाई मत से अध्यक्ष को हटाया जा सकता है | ट्रस्ट डीड में यह उल्लेख हो कि मुख्य ट्रस्टी को सभी अधिकार होंगे तो वो ही सर्वे सर्वा होता है |
- एक नाम से एक ही सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन होता है | ट्रस्ट में एक नाम से अधिक ट्रस्ट भी बनाये जा सकते हैं |
- सोसाइटी में किसी भी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर उसका कोई उत्तराधिकारी नहीं होता है | ट्रस्ट में मुख्य ट्रस्टी के उत्तरधिकर के नियमो में यदि यह उल्लेख हो की उसका पुत्र या पुत्री उसका उत्तराधिकारी होगा तो वह उसका उत्तराधिकारी होगा |
- सोसाइटी एवं पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट में इनकम टैक्स के नियम, १२ A के नियम एवं 80 G के नियम एवं FCRA रजिस्ट्रेशन एक्ट के नियम एक सामान हैं
- सोसाइटी को बंद करने के लिए उसके सदस्यों की सहमति आवश्यक है जबकि ट्रस्ट के बंद करने के लिए मुख्य ट्रस्टी की इच्छा ही काफी है |