ट्रस्ट में उत्तराधिकार

सोशल सर्विस करने के लिए एन जी ओ बनाई जाती है | एन जी ओ बनाने के लिए लिए कुछ लोग ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते है | ट्रस्ट के पंजीकरण के समय उसमे एक ( या कई बार एक से ज्यादा ) ट्रस्ट कर्त्ता होते है | जो कि ट्रस्ट बनाते हैं | ट्रस्ट बनाने का मतलब है किसी व्यक्ति ने अपनी वैध पूंजी का कुछ हिस्सा समाज सेवा के लिए अलग निकला है | अब वो व्यक्ति कुछ लोगो का चुनाव करता है जो कि ट्रस्टी कहलाते है | वो ट्रस्टी अब इस पूंजी को समाज सेवा के काम में लगाएंगे | वो ही समाज सेवा के कार्य जो कि ट्रस्ट डीड में लिखे हैं |

आपसी निर्णय क्षमता अच्छी बनाने के लिए और कार्य का निर्धारण करने के लिए वे आपस में पद विभाजन भी कर सकते है | कोई व्यक्ति अध्यक्ष बन सकता है कोई सचिव और कोई कोषाध्यक्ष इत्यादि |

इन अध्यक्ष कोषाध्यक्ष सचिव इत्यादि का चुनाव भी करवाया जा सकता है और ट्रस्ट का लेखक (ट्रस्ट कर्त्ता ) भी ट्रस्ट बनाने के समय अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव इत्यादि पदों को बाँट सकता है |

अगला प्रश्न है कि क्या ट्रस्ट का अध्यक्ष आजीवन हो सकता है ? और क्या अध्यक्ष अपने उत्तराधिकारी को चुन सकता है या फिर अध्यक्ष का चुनाव करवाना होगा | क्या अध्यक्ष की मृत्यु के पश्चात् अध्यक्ष की वसीयत के अनुसार ट्रस्ट का नया अध्यक्ष बनेगा या फिर ट्रस्टी नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे |

इन प्रश्नो का समाधान करने के लिए यह पोस्ट लिखी गयी है | इन प्रश्नो का समाधान करने के लिए इंटरनेट पर उपलब्द निम्न रिसोर्सेज को देखा जा सकता है

  1. bpmudraca :- इंटरनेट पर उपलब्ध इस ट्रस्ट डीड डिज़ाइन में अध्यक्ष के चुनाव की परंपरा नहीं दी गयी है और किसी परस्थिति में यदि अध्यक्ष को पद छोड़ना पड़े तो ट्रस्टी मंडल नए अध्यक्ष का चुनाव करेगा |
  2. mpgroup :- इस ट्रस्टडीड में फाउंडर को ट्रस्टी बनाया गया है और उनको अपने नॉमिनी को भी अपने अधिकार देने की बात लिखी गयी है |
  3. ndft :- इस न्यास डीड में अध्यक्ष को अपने जीवन काल में अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की बात लिखी गयी है | etc

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